ग्लेशियर पिघलने से बाहर ‎निकला Ancient virus , संक्रमण से हुई व्य‎‎क्ति की मौत -छोटे स्तनधानी जीवों में ‎मिली अजीब बीमारी, अब तक सात लोग हुए संक्र‎मित

ग्लेशियर पिघलने से बाहर ‎निकला Ancient virus , संक्रमण से हुई व्य‎‎क्ति की मौत -छोटे स्तनधानी जीवों में ‎मिली अजीब बीमारी, अब तक सात लोग हुए संक्र‎मित

एंकरेज। ग्लेशियर पिघलने के बाद से बाहर ‎निकला प्राचीन वायरस लोगों की जान ले रहा है। ‎मिली जानकारी के अनुसार यह वायरस अब तक सात लोगों को संक्र‎मित कर चुका है। जानकारी के अनुसार साल 2015 में अलास्का में एक नए वायरस की खोज हुई। यह फेयरबैंक्स नॉर्थ स्टार बोरो पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से बाहर निकला था। फरवरी 2024 तक इस वायरस से सिर्फ सात लोग संक्रमित हुए थे। लेकिन अब पहली बार इससे एक इंसान की मौत हुई है। छह मरीज फेयरबैंक्स नॉर्थ स्टार बोरो और सातवां केनाई प्रायद्वीप बोरो में मिले हैं। जिस व्यक्ति की मौत हुई है, उसे इस अलास्कापॉक्स वायरस के संक्रमण का पता जनवरी के आखिरी में चला। यह वायरस एक डबल स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है। यह उसी जीनस से संबंध रखता है, जिससे स्मॉलपॉक्स, मंकीपॉक्स और काऊपॉक्स होते हैं। इसलिए इसका नाम अलास्कापॉक्स रखा गया था।
यह बीमारी छोटे स्तनधारी जीवों में भी खोजी गई है।
शरीर पर लक्षणों की बात करें तो इस वायरस के संक्रमण के बाद त्वचा पर लाल धब्बे दिखते हैं। दाने निकल जाते हैं। सही समय पर इलाज न हो तो ये घाव का रूप ले लेते हैं। इसमें मवाद बनने लगता है। जोड़ों, मांसपेशियों में दर्द होता है। लिंफ नोड्स सूज जाते हैं। सही समय पर इलाज मिलने के बाद भी ठीक होने में छह महीने लगते हैं। इंसानों में यह छोटे स्तनधारी जीवों के जरिए फैलता है लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किस तरह से इंसान इससे संक्रमित हुए हैं। साल 2021 तक हुए रिसर्च से पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि अलास्कापॉक्स वायरस कैसे इंसानों में पहुंचा। एक और मरीज भी इस संक्रमण से जूझ रहा है, लेकिन उसे इलाज की जरूरत नहीं है, क्योंकि उसका इम्यून सिस्टम मजबूत है। लेकिन जिसकी मौत हुई उस इंसान की इम्यूनिटी काफी कमजोर थी।

बताया जा रहा है ‎कि अलास्कापॉक्स से मरने वाला व्यक्ति जंगलों में अकेले रहता था। वह बाहर भी कहीं घूमने नहीं गया। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह वायरस उसे उसकी पालतू बिल्ली से मिले होंगे। क्योंकि वह बिल्ली जंगल में छोटे स्तनधारी जीवों का शिकार करती थी। अगर बिल्ली ने उसे खंरोचा होगा तो वह संक्रमित हो गया होगा। जब‎कि बिल्ली तो वायरस से संक्रमित नहीं है, लेकिन यह वायरस उसके पंजों से फैल सकता है। जिसकी मौत हुई है उसे सितंबर में पहली बार दाहिने हाथ पर लाल सूजन और दाग दिखाई दिया। जनवरी तक कई बार जांच के बाद अलास्कापॉक्स वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

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