नई आर टी ओ आने के बाद भी कार्यालय में हालात जस के तस,रिश्वत और दलाली प्रथा को और ज्यादा बल मिला ऑटो चालकों से परमिट के 700 और फिटनेस के 3000 तक मांगे जा रहे है ।

नई आर टी ओ आने के बाद भी कार्यालय में हालात जस के तस,रिश्वत और दलाली प्रथा को और ज्यादा बल मिला

ऑटो चालकों से परमिट के 700 और फिटनेस के 3000 तक मांगे जा रहे है ।

शिवपुरी….पुरानी आर टी ओ का ट्रांसफर होने के बाद लोगों ने सोचा कि शायद अब आर टी ओ ऑफिस में दलाली प्रथा और भ्रष्टचार पर लगाम लग जायेगी । लेकिन नई आर टी ओ अधिकारी के आने के बाद भी हालात जस की तस बने हुए है बल्कि रिश्वत में और ज्यादा उछाल आ गया है । सूत्रों के अनुसार दलालों का कहना है कि ऑफिस की नंबर 2 की फीस में बड़ोतरी कर दी गई है । इसलिए हमे भी पब्लिक से बडकर पैसे लेने पड़ रहे है । वहीं ऑटो यूनियन संघ के अध्यक्ष और सदस्य ने आर टी ओ कार्यालय जाकर हंगामा खड़ा कर दिया । उनका कहना था कि अब से 4 महीने पहले तक आरटीओ दफ्तर में ऑटो चालकों को परमिट बनवाने 550 रुपए और फिटनेस के
700 रुपए देने होते थे, लेकिन अब परमिट के 700 और फिटनेस के 3000 रुपए तक मांगे जा रहे हैं। आखिर गरीब ऑटो चालकों से आरटीओ दफ्तर की यह वसूली क्यों की जा रही है। हमारी सुनवाई कर लो नहीं तो हमें बड़ा आंदोलन करने
विवश होना पड़ेगा और इसकी जवाबदारी आप सब की होगी। इन सब मांगों को लेकर ऑटो चालकों ने सोमवार को शहर से 12 किमी दूर स्थित आरटीओ दफ्तर पहुंचकर प्रदर्शन किया और नाराजगी जाहिर कर कहा कि पहले सिर्फ लेटर पैड पर काम हो जाया करते थे और अब बड़ी वसूली की जा रही है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ऑटो यूनियन संघ के पदाधिकारी ने सोमवार दोपहर 2 बजे आरटीओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर यह बात कही तो दफ्तर में हंगामा मच गया आखिर में कर्मचारियों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। ऑटो यूनियन संघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह भदौरिया, उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र, प्रदीप सिंह और अन्य पदाधिकारी ने मंगलवार दोपहर आरटीओ दफ्तर पहुंचकर अपनी नाराजगी जाहिर की। जिला
अध्यक्ष प्रदीप सिंह भदौरिया ने बताया कि ऑटो चालकों को हर 4 महीने में व वाहन का फिटनेस करना अनिवार्य है। इसके साथ ही पूरे 1 साल में
परमिट रिन्यू होता है, पहले हम लेटर पैड पर लिखकर दे देते थे। और जोnनिर्धारित फीस होती थी वही लगती थी। इसके अलावा गरीब ऑटो
चालकों से अतिरिक्त पैसे नहीं लिए जाते थे। लेकिन अब पिछले डेढ़ महीने से हमारे दो दर्जन से अधिक आवेदन लगे हुए हैं लेकिन बाबुओं द्वारा लापरवाही बरती जा रही है, और दलाली न दिए जाने के कारण हमारीnफाइलें ही अटका दी हैं। जिन्हें आरटीओ तक नहीं पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में यदि हम बिना नियमों और कागजात के वाहन चलाएं तो यातायात विभाग पेनाल्टी लगाता है, यहां विभाग हमें समय पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराता। बदले में दलाली की मांग करता है, ऐसा कब तक चलता रहेगा। इसी शिकायत को लेकर
हम सब ऑटो चालकों ने आरटीओ कार्यालय पर पहुंचकर अपनी नाराजगी जाहिर की और लिखित में दस्तावेज ज्ञापन सौंप कर कहा कि हमारी इन मांगों को पूरा कर दिया जाए अन्यथा हम प्रदर्शन करने मजबूर होंगे, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी आरटीओ विभाग की होगी।
फिटनेस सर्टिफिकेट फोटो खींचने बाबू मांगता है 500 रुपए
ऑटो यूनियन पदाधिकारी ने यह भी बताया कि शिवपुरी शहर से 12 किलोमीटर दूर आरटीओ कार्यालय बना है। जहां तक पहुंचने के लिए एक तरफ से ही 12 किलोमीटर चलना होता है। ऐसे में इस स्थान पर आने-जाने में ही हमारी बड़ी राशि खर्च हो जाती है। ऊपर से हमारे फिटनेस सर्टिफिकेट और परमिट नहीं दिए जाते। पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि यहां पदस्थ बाबू द्वारा जो स्कैनिंग की जाती है उसमें दलाली की मांग की जाती है। 500 रुपए की दलाली उन्हें न मिले तो वह फाइल को आगे नहीं बढ़ते हैं। हमारी ऐसी दो दर्जन से अधिक फाइल अभी अटकी हुई है । ऐसे में यदि हम यहां पर दलाली देते रहे तो फिर घर में बीवी बच्चों को खिलाएंगे क्या क्योंकि ऑटो से इतनी कमाई नहीं होती कि हम अपने बारे न्यारे कर लें। मुश्किल से घर चला पाते हैं, ऊपर से पंजीयन में लापरवाही बढ़ती जा रही है। जो बर्दाश्त नहीं है। इसलिए हमने मजबूरी में आकर समूह में यहां पर प्रदर्शन कर अपनी बात कही है।

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