कंप्यूटर आपरेटर के बाद उच्च न्यायालय ने डाक्टर की जमानत भी की खारिज मामला आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान में 19 लाख रुपये के गबन का

कंप्यूटर आपरेटर के बाद उच्च न्यायालय ने डाक्टर की जमानत भी की खारिज मामला आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान में 19 लाख रुपये के गबन का

 

 

शिवपुरी……सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिछोर में पदस्थ तत्कालीन सीबीएमओ, कंप्यूटर.आपरेटर व बीपीएम द्वारा सांठगांठ कर आशा कार्यकर्ताओं का भुगतान फर्जी खातों में करके गबन के मामले में उच्च न्यायालय ने डाक्टर की जमानत याचिका खारिज कर दी है।उल्लेखनीय है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिछोर पर पदस्थ्ज्ञ तत्कालीन सीबीएमओ डा. अमर सिंह जनोरिया,कंप्यूटर आपरेटर फजल अहमद खान व बीपीएम पुष्पेंद्र राय द्वारा आपस सांठगांठ करके शासकीय राशि को संबंधित के खाते में अंतरित न कर अन्य खातों में अंतरित कर 19 लाख।37 हजार 750 रुपये का गबन किया था। उक्त प्रकरण में 10 मार्च 2024।को तीनों के खिलाफ पुलिस ने धारा 420, 409 एवं धारा 13 (1) (क),13अधि ( 2 ) भ्रष्टाचार नियम 1988 के तहत प्रकरण कायम कर मामले की विवेचना शुरू की थी। पुलिस प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही तीनों फरार चल रहे थे। इस मामले में।कंप्यूटर आपरेटर फजल को उच्च।न्यायालय के निर्देश के क्रम में पुलिस के समक्ष सरेंडर कर जेल जाना पड़ा था । तत्समय सीबीएमओ डा. अमर।सिंह जनोरिया उच्च न्यायालय से।अपनी जमानत याचिका वापस ले ली।थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायरकी जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है।वीपीएम अभी भी फरार इस पूरे मामले में पुलिस आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के सात महीने बाद भी एक भी आरोपि को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। एक ओर जहां डाक्टर फरार है तो दूसरी तरफ बीपीएम पुष्पेंद्र राय भी फरार चल रहे हैं। अगर फजल अहमद ने सरेंडर नहीं किया होता तो उसे भी गिरफ्तार करना मुश्किल था ।

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