लाल मुरम की धूल में छुपा काला खेल, ऊंट के मुँह में जीरा है कार्यवाही..!क्या आंखों पर पट्टी बांधे था खनिज महकमा…ब्रजेश तोमर वरिष्ठ पत्रकार

लाल मुरम की धूल में छुपा काला खेल, ऊंट के मुँह में जीरा है कार्यवाही..!क्या आंखों पर पट्टी बांधे था खनिज महकमा…

ब्रजेश तोमर वरिष्ठ पत्रकार

★ सुबह-सुबह “खबरीलाल जी” का मस्त मौला अंदाज एक बार फिर देखने को मिला। चाय की प्याली में गहरी बातों की महक घुली हुई थी और “खबरीलाल” ने मुरम के काले खेल पर अपनी चुटकी ली। बोले- “अरे भाई, ये जो लाल मुरम की धूल उड़ रही है, उसकी नीचे क्या-क्या खेल हो रहे हैं, कोई नहीं जानता। खनिज विभाग ने तो आंखों पर पट्टी बांध रखी है और नेता जी मस्त! ऐसा लगता है जैसे काले खेल की दुनिया में हर कोई अपनी मौज में है!यदा कदा छुट मुट कार्यवाही कर कागजी भर्ती के बाद खनिज अफसर अपनी पीठ थपथपा लेते है और अपने आकाओं को खुश कर देते है जबकि असलियत यह है कि शहर की सड़कों पर लाल मुरम के भारी भरकम डंपरों ,ओर उनसे उड़ती धूल देखकर आंखों को बंद कर लेते है…!”

 

★ “खबरीलाल जी” ने खुलासा किया कि शहर से लगे हुये ग्राम-क्षेत्र खोरघार,जामखो,विनेगा,चन्दनपुरा,

बडोदी,ककरबाया, सतेरिया, मुढेनी, बांसखेड़ी, तानपुर,18 बटालियन के पीछे, नोहरी, मेडिकल कोलेज के पीछे,मनियर तालाब,Sps के पास

भैया होटल के पीछे स्थित मुरम क्षेत्रो में कैसे राम राज्य बिखरा पड़ा है।जेसीबी मशीने बड़े बड़े डंपरों को रात दिन भरने में जुटी है ..!बड़ी बड़ी कॉलोनियां,शहर की प्राइम लोकेशन पर अपनी बहुमंजिला इमारत बनवा रहे धन्नासेठ भी नेताओ के संरक्षण में जहाँ चाहे वहाँ अपने संसाधन मुरम खोदने में लगा देते है।खनिज विभाग के अफसर फील्ड में रॉयल्टी देखने के बजाय टेबिल पर लिफाफे में अधिक यकीन करते है।।महकमे को रतोंधी हो गयी है जो उन्हें नजर ही नही आता।

कैसे लीज एरिया के बाहर धड़ल्ले से मुरम का उत्खनन किया जा रहा है। “गांव की गलियों ,सड़को में भारी भरकम वाहनों के कारण गड्ढे ही गड्ढे हैं, लेकिन सरकार की नजर कहीं और ही है। खनिज विभाग के अधिकारी “भैया-भैया कह कह कर दुम हिला रहे है और भैया जी के कुर्ते चांदी के सिक्कों की चमक से चमचमा रहे है..! जमीन तलाशने बाले लोग आज चौधरी बने बैठे है…! अब सब काला-बिलकुल काला!”

 

★ “खबरीलाल जी” बोले, “अरे, ये जो राजनीतिक पहरुए है न, इनकी असलियत भी देखनी चाहिए। जब चुनाव में वोट चाहिए तो सब मुह दिखाई की रस्म अदायगी कर रहे थे,लेकिन अब अग्रिम पंक्ति में अपनी दाबेदारी जता रहे है। पॉवर हांथ में क्या आई,सब मुखिया बन बैठे है..! गाहे बजाहे ये अकेले नही बल्कि धवलधारियों के साथ सरकारी तंत्र और खनिज विभाग का गठबंधन भी साथ है।सब इस खेल में शामिल हैं..!

 

★ आखिर में चाय के कप में अवशेष चाय की अंतिम बूंदों को भी गटकते हुये “खबरीलाल जी” बोले कि देखे-सुने को अगर नही कहे तो पेट मे मरोड़ सी होने लगती है सो कह दी.!अब खनिज विभाग और भैयाजी के गठबंधन का खेल तो चरम पर है,अपने राम सिर्फ तांक-झाक ही कर सकते हैं सो कर रहे है..।आगे महकमे के जिम्मेदार जाग जाए तो कम से कम जमीन तो खोखली होने से बच जाए,अन्यथा राम जाने…!

चलते चलते ख़बरीलाल जी “राम राम”के साथ फिर चाय पर आने का आश्वासन देना नही भूले…!

हमने भी कह दिया”राम राम”जी…!!

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