डॉ. विरही को शहर के साहित्यकारों ने दी श्रद्धांजलि

डॉ. विरही को शहर के साहित्यकारों ने दी श्रद्धांजलि

शिवपुरी । प्रख्यात साहित्यकार कवि, चिंतक, आलोचक श्रद्धेय डॉ.परशराम शुक्ल विरही के निधन पर शहर की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि साहित्यकारों ने गांधी सेवाश्रम पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर भाव सुमन अर्पित किये। उनके साहित्यिक अवदान का स्मरण करते हुए डॉ.महेन्द्र अग्रवाल ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को बहुआयामी बताते हुए शिवपुरी आने तक के जीवन संघर्ष को रेखांकित किया। डॉ. एच.पी.जैन ने उनके शिवपुरी आने के बाद की घटनाओं और संस्मरणों का उल्लेख करते हुए उनके रचनाकर्म की विविधता को दर्शाया।विनय प्रकाश नीरव ने बताया कि डॉ. विरही की कविताओं में युग जीवन की संवेदनाओं की पकड़ है। उनके साहित्य में जीवन के प्रति स्वस्थ दृष्टिकोण मिलता है।
दिनेश वशिष्ठ ने कहा कि विरही जी एक सच्चे शिक्षक, होने के साथ-साथ सहृदयी इंसान भी थे। सभी के साथ सहयोगी और मार्गदर्शक की भूमिका उन्हें सबसे अलग बनाती थी।सुकून शिवपुरी ने उनकी उदारता और आत्मीयता का संसमरण सुनाया।युसुफ अहमद कुरेशी जी बताया कि हिंदी के साथ उर्दू साहित्य में भी उनकी गहरी रूचि थी।सभा में राम कृष्ण मौर्य ,शकील नश्तर, सत्तार शिवपुरी, रफीक इशरत ग्वालियरी,राधेश्याम सोनी, त्रिलोचन जोशी,नीरज सुमन,राकेश भटनागर, राजकुमार भारतीय, देवेन्द्र शर्मा, चन्द्रकान्त शर्मा मामा, अजय जैन अविराम,आदि ने भी शब्द पुष्प अर्पित किये।

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