हनी ट्रैप मामले में उजागर होंगे सेक्स स्कैंडल में फंसे ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के नाम

भोपाल। चार साल बाद फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चा इसलिए क्योंकि सरकार ने एसआईटी चीफ के रूप में एडीजी इंटेलिजेंस रहे आदर्श कटियार को नियुक्त किया है। आदर्श कटियार साफ-सुथरी छवि के अधिकारी माने जाते हैं। ये भी कहा जाता है कि वे किसी के दबाव-प्रभाव में नहीं आते।

मध्यप्रदेश का सबसे चर्चित सेक्स स्कैंडल ‘हनी ट्रैप’ केस एसआईटी की कमान संभालने के बाद कटियार का पहला टेस्ट 29 जनवरी को इंदौर कोर्ट में होगा। इस दिन हनी ट्रैप मामले की सुनवाई होनी है। हनी ट्रैप मामले का खुलासा सितंबर 2019 को तब हुआ था, जब प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी। इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन ने पलासिया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि अश्लील वीडियो भेजकर उनसे 3 करोड़ रुपए मांगे जा रहे हैं। जानने की कोशिश की कि इस केस में आगे क्या हो सकता है।

मूल केस इंदौर के पलासिया थाने में…

17 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने शिकायत की थी उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है। इस शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनीट्रैप का खुलासा किया था। हनीट्रैप और ब्लैकमेल कर हरभजन सिंह से तीन करोड़ रुपए मांगने के आरोप में पुलिस ने इन्दौर और भोपाल से पांच युवतियों आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता जैन (पति विजय जैन), श्वेता जैन (पति स्वप्निल जैन), बरखा सोनी को गिरफ्तार किया था। इनके एक वाहन चालक ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में सभी जमानत पर बाहर हैं।

एक हफ्ते बाद भोपाल में दूसरा केस दर्ज

24 सितंबर 2019 को मानव तस्करी के दूसरे केस में भोपाल के सीआईडी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें पीड़िता ने बताया था कि आरोपी महिलाओं ने उसे रसूखदार लोगों के पास भेजकर उनके आपत्तिजनक वीडियो बनवाए। इन वीडियो के बदले उन लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे वसूली की गई। पीड़िता ने कई अफसरों व प्रभावशाली लोगों के नाम भी पुलिस को बताए थे। इसी आधार पर ये एफआईआर दर्ज की गई थी। इंदौर और भोपाल कोर्ट में बीते 4 सालों से इस केस की सुनवाई चल रही है।

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