भारतीय कंपनियों ने एक वर्ष में दिए 1,120 विमानों के आर्डर

अकासा एयर बोइंग से खरीदने जा रही 150 एयरक्राफ्ट…

नई दिल्ली।  घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिचालन का विस्तार करने के लिहाज से अकासा एयर ने विमान निर्माता कंपनी बोइंग को 150 737 मैक्स विमानों का आर्डर दिया। इसके साथ ही एक साल से भी कम समय तीन भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा कुल 1,120 विमानों का आर्डर दिया जा चुका है। अकासा से पहले टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने पिछले साल फरवरी में 470 विमानों (250 एयरबस और 220 बोइंग को) का आर्डर दिया था। बाद में जून में देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने एयरबस से 500 नैरो बाडी विमान खरीदने का एलान किया था। इन आर्डर के अलावा विमानन कंपनियों को उन विमानों की डिलीवरी मिलना बाकी है, जिनका आर्डर उन्होंने पहले दिया था।

इंडिगो के पास लगभग 1,000 विमानों की आर्डर

अकेले इंडिगो के पास लगभग 1,000 विमानों की आर्डर बुक है। परिचालन से बाहर गो-फ‌र्स्ट ने भी 72 विमानों का आर्डर दे रखा है। एक विश्लेषण के अनुसार आने वाले सालों में घरेलू विमानन कंपनियों को कुल मिलाकर 1,600 से अधिक विमानों की डिलीवरी मिलने की उम्मीद है। वर्तमान में भारतीय विमानन कंपनियों के पास 730 विमान हैं।

अकासा को 2032 तक विमान मिलने की उम्मीद

अकासा को 2032 तक विमान मिलने की उम्मीद अकासा एयर ने जिन 150 विमानों का आर्डर दिया है, उसमें 737 मैक्स 10 और 737 मैक्स 8-200 विमान शामिल हैं। कंपनी को इनकी डिलीवरी 2032 तक मिलने की उम्मीद है। 2021 में कंपनी ने 72 बोइंग 737 मैक्स विमानों का शुरुआती आर्डर दिया था और इसके बाद जून 2023 में 4 बोइंग 737 मैक्स 8 विमानों का आर्डर दिया गया। कंपनी के पास अभी 22 विमान हैं और अगले आठ वर्षों में उसे 204 विमानों की डिलीवरी मिलेगी। अकासा एयर के संस्थापक और सीईओ विनय दुबे ने कहा कि यह बड़ा और ऐतिहासिक विमान आर्डर कंपनी को इस दशक के अंत तक दुनिया की शीर्ष 30 अग्रणी एयरलाइनों में शामिल कर देगी। अंतरराष्ट्रीय सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रही अकासा एयर ने सात अगस्त, 2022 को वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया था।

2,840 नए विमान, 41 हजार पायलट की जरूरत

एयरबसभारत को अगले 20 साल में 2,840 नए विमानों और 41,000 पायलटों की जरूरत होगी। एयरबस भारत और दक्षिण एशिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक रेमी मेलार्ड ने यह अनुमान जताते हुए कहा कि देश में 47,000 तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता भी होगी। उन्होंने ‘विंग्स इंडिया 2024’ के मौके पर कहा कि एयरबस इस दशक के अंत तक भारत से अपनी सोर्सिंग को मौजूदा 75 करोड़ डालर से दोगुना कर 1.5 अरब डालर कर देगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल एयरबस को 750 विमानों का आर्डर मिला और उसने भारतीय एयरलाइन कंपनियों को 75 विमानों की आपूर्ति की। इनमें 41 इंडिगो को, 19 एयर इंडिया को, 14 विस्तारा को और एक गो फ‌र्स्ट को दिए गए।

2030 तक 30 करोड़ हो जाएगी घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या

सिंधिया नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि 2030 तक भारत में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या दोगुनी होकर लगभग 30 करोड़ सालाना हो जाएगी और भारत की विमानन पहुंच 10-15 हो जाएगी। हैदराबाद में विंग्स इंडिया 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ¨सधिया ने कहा कि 2030 तक एयरपोर्ट और वाटरड्रोम की संख्या मौजूदा 149 से बढ़कर 200 से अधिक हो जाएगी। सिंधिया ने कहा कि आबादी के अनुपात में आज हमारी विमानन पहुंच तीन से चार प्रतिशत है जो 2030 तक बढ़कर 10-15 प्रतिशत हो जाएगी। हमें अभी भी 85 प्रतिशत जनता तक पहुंचना बाकी है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में घरेलू हवाई यात्री यातायात में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्री यातायात में 6.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू नागरिक उड्डयन बाजार 

सिंधिया ने कहा कि भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू नागरिक उड्डयन बाजार और दुनिया का सातवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन बाजार है। अगर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों को मिला दिया जाए तो भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन बाजार है। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में विमानों का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है।

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