लापरवाही और फर्जीवाड़ा:30 दिन के महीने में 31 दिन के हस्ताक्षर मिले हाजिरी रजिस्टर में मामला सतनवाडा फिल्टर प्लांट का

लापरवाही और फर्जीवाड़ा

30 दिन के महीने में 31 दिन के हस्ताक्षर मिले हाजिरी रजिस्टर में
मामला सतनवाडा फिल्टर प्लांट का

शिवपुरी…सतनवाड़ा फिल्टर प्लांट पर नगर पालिका की ओर से नियुक्त 7 पंप अटेंडर ड्यूटी पर जाए बिना ही हरमहीने की तनख्वाह ले रहे हैं। इसका खुलासा शुक्रवार को तब हुआ, जब नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा अचानक फिल्टर प्लांट पर निरीक्षण करने पहुंच गईं। उन्हें प्लांट पर एक भी कर्मचारी नहीं मिला। चौकीदार ने बताया कि यहां कोई कर्मचारी आता ही नहीं है। नपा अध्यक्ष ने जब हाजिरी रजिस्टर देखा तो जुलाई माह से लेकर अब तक सभी के दस्तखत पाए गए। रजिस्टर में रविवार के भी दस्तखत पाए गए। यहां तक कि इन पंप अटेंडर ने बीते छह महीने में एक भी दिन का अवकाश नहीं लिया, न रक्षाबंधन पर न दिवाली पर और न किसी शासकीय छुट्टी वाले दिन रजिस्टर पर दस्तखत के अनुसार तो यह कर्मचारी बिन कोई छुट्टी लिए लए लगातार ड्यूटी कर रहे हैं।
नपाध्यक्ष ने एक बात यह भी पकड़ी कि जुलाई माह से दिसंबर तक पूरे 6 महीने में रजिस्टर में हर दिन के दस्तखत एक ही राइटिंग में एक ही पेन से का किए गए हैं। इससे लग रहा है कि व्यक्ति सभी पत्र हस्ताक्षर कर रहा है। नपा अध्यक्ष शर्मा का कहना है कि सातों कर्मचारियों की हाजिरी रजिस्टर की प्रतिलिपि और मौका रिपोर्ट सीएमओ को दे दी है, अब वे कार्रवाई करेंगे। निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष के साथ पार्षद तारा राठौर, राजू बाथम, राजा यादव और वेदांत सविता भी रहे।

डेढ़ महीने में 8 बार लाइन खराब, शहर में 12 दिन
पानी की सप्लाई ठप नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा ने बताया कि उनके पास डेढ़ महीने में आठ बार लाइन खराब होने की शिकायत आई जब जानकारी ली तो हकीकत सामने आई कि तीन बार तो लीकेज ढूंढ कर सही करने में ही 4 दिन से अधिक का वक्त ले लिया। ऐसे में शहर में पूरे 12 दिन सप्लाई प्रभावित रही, जिससे शहरवासियों की परेशानी हुई। कहा जा रहा है कि इन पंप अटेंडर को समस्या का तुरंत समाधान करने के लिए सतनवाड़ा पर रखा गया है लेकिन यह जांच का विषय है कि जब कंपनी के कर्मचारी ही इस समस्या को दूर नहीं कर रहे तो फिर पंप अटेंडर इस समस्या को कैसे दूर करेंगे।

31 दिन के दस्तखत कर्मचारियों की अटेंडेंस वाला जो रजिस्टर सामने आया है, उसमें सितंबर माह में 31 दिन के दस्तखत पाए गए। यानी कर्मचारियों ने
दस्तखत करते इतना भी नहीं देखा कि सितंबर का महीना तो 30 दिन का ही होता है। एक खास बात यह है कि 6 महीने में एक भी कर्मचारी का अवकाश नहीं रहा। प्रतिदिन सातों कर्मचारी उपस्थित रहे।

प्लांट पर प्राइवेट कंपनी के 32 कर्मचारी, फिर पंप अटेंडर की जरूरत ही क्यों इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात है कि सतनवाड़ा फिल्टर प्लांट पर पहले से ही प्राइवेट कंपनी के 32 कर्मचारी नियुक्त हैं। जो मडीखेड़ा पाइपलाइनnका लीकेज और अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए नियुक्त किए गए हैं। इन कर्मचारियों को नगर पालिका हर 3 महीने में 1-2 लाख रुपए का भुगतान करती है यानी हर महीने औसत 4 लाख रुपए नपा के खर्च होते हैं। इसके बावजूद 7 कर्मचारी पंप अटेंडर भूपेंद्र जोशी, अशोक ओझा, राजकुमार धाकड़, नीरज धाकड़, आदित्य धाकड़, नीरज कुशवाहा, मुनीराम विश्वकर्मा को नगर पालिका ने किस आधार पर सतनवाड़ा फिल्टर प्लांट पर लगाया हैं, यह जांच का विषय है। नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा यह तो कह रही हैं कि इन्हीं पंप अटेंडर को शहर में मोटर ठेकेदार के साथ काम करते हुए देखा गया है, जो सामान की अदला-बदली करते हैं। आखिर नगर पालिका का कर्मचारी ठेकेदार के साथ कैसे काम कर सकता है। ऐसे में सवाल यह है कि जब सब कुछ पता है तो नपा अध्यक्ष सीधी कार्रवाई से क्यों बच रही हैं।

मेरे पास एक फाइल आई थी, जिसमें पंप अटेंडर का वेतन बढ़ाने की बात कही गई थी। जब उनके नाम और काम पूछे तो जल शाखा ने बताया सतनवाड़ा फिल्टर प्लांट पर काम कर रहे हैं। ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं को देखने की इच्छा हुई।
इसलिए प्लांट पहुंची, वहां एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं मिला। जो चौकीदार वहां मिला, वह बोला यहां कोई आता ही नहीं है। एक ही व्यक्ति साइन कर जाता है। ऐसे लापरवाह कर्मचारी मुझे बर्दाश्त नहीं, इसलिए कार्रवाई के निर्देश सीएमओ को दिए।
गायत्री शर्मा नपाध्यक्ष, शिवपुरी

दोषी पर कार्रवाई जरूर होगी
“हम पूरे मामले की जांच करा रहे हैं।
7 दिन में इस पूरे मामले की जांच कर
इंजीनियर रिपोर्ट देंगे। जो दोषी होंगे,
उन पर कार्रवाई अवश्य होगी।
डॉ. केशव सिंह सगर, सीएमओ,
नगर पालिका, शिवपुरी

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