दिसंबर माह में सावन जैसा नजारा,किसानों के चेहरे खिले, शहर में रातभर में 67 मिमी पानी बरसा बारिश मावठ की बूंदों ने ठिठुरन के साथ बढ़ाई खेतों की चमक, दो सिंचाई बराबर मिला लाभ

दिसंबर माह में सावन जैसा नजारा,किसानों के चेहरे खिले, शहर में रातभर में 67 मिमी पानी बरसा
बारिश मावठ की बूंदों ने ठिठुरन के साथ बढ़ाई खेतों की चमक, दो सिंचाई बराबर मिला लाभ

शिवपुरी… कोहरे और मावठ से सर्दी के तीखे
तेवरों ने चाहे एक बार फिर लोगों को ठिठुरा दिया हो, लेकिन कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यह मौसम रखी फसलों के लिए फायदेमंद साबित होने चाला है। ठंड़े मौसम से फसलों की बहुत होगी और नमी से सिंचाई की जरूरत नहीं रहेगी। मावठ होने से गेहूं, चना, सरसों, मटर, पालक, मैथो, घनिया, मूली, गाजर, गोभी आदि फसलों में चमक लौट आई है। विशेष तौर पर गेहूं की फसल को अच्छा
फूटान मिलेगा और बेहतर ग्रोथ होगी।Nअच्छी मावठ होने पर बिजली की खपत भी आधी रह जाएगी
क्योंकि की जरूरत कम वर्तमान वर्षा से फसल को दो सिंचाई के बराबर लाभ की स्थिति होगी।
रविवार को रात करीब 10 बजे से शहर मेंबूंदाबादी होना शुरू हो गई। देर रात शुरू होने के बाद रातभर रुक-रुककर बारिश होती रही। सुबह तो शहर में तेज मूसलाधार बारिश हुई। रातभर में हो शिवपुरी में 67 मिमी बारिश हो गई। इससे सर्दियों में सावन जैसा अनुभव लोगों को हुआ। रातभर बारिश होने की वजह से सुबह तापमान पर भी इसका असर दिखाई दिया और दिन के तापमान में मामूली गिरावट आई। सोमवार को सुबह बारिश होने के बाद दिनभर बादल छाए रहे विज्ञानियों के अनुसार अब बादल छटने के बाद सदी बढ़ेगी जिले में सिर्फ पिछोर और खनियाधाना में बारिश नहीं हुई। शिवपुरी के बाद सबसे अधिक 19 मिमी बारिश नरवर में दर्ज की गई। सर्दियों में होने वाली बारिश के लिए मायठ शब्द का उपयोग किया जाता है, आमतौर पर यह बारिश माघ मास में होती है। भूमध्य सागर से लेकर भारत तक खालो मैदान होने की वजह से हवा बिना किसी अवरोध के खेती मे खड़ी सरसों की चमक बढ़ेगी।

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