नाबालिग विवाह रोकने ग्रामीण क्षेत्रों में आज घूमेगी मोबाइल टीम

नाबालिग विवाह रोकने ग्रामीण क्षेत्रों में आज घूमेगी मोबाइल टीम

शिवपुरी….हिंदू समाज की परंपरा के अनुसार देव उठाने के साथ ही विवाह होना शुरू हो जाते है । कहीं पर भी किसी हालत में बाल विवाह न हो इसके लिए प्रशासन ने कसावट शुरू कर दी है । यदि बाल विवाह कराया तो 3 साल की सजा और जुर्माना विवाह के समय वर की आयु 21 और वधु की आयु 18 वर्ष पूर्ण होना आवश्यक है। यदि इस आयु से पहले विवाह होता है तो वह बाल विवाह माना जाता है। बाल विवाह के लिए कानून में 3 वर्ष की सजा और एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। कानून में विवाह में सहयोग करना भी अपराध माना गया है। आदिवासी समाज के साथ कई समाज में देवउठनी ग्यारस पर विवाह करने की परंपरा है। ऐसे में सामूहिक विवाह सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं, इसीलिए नाबालिग के विवाह इस अवसर पर ना हो इसकी रोकथाम के लिए गुरुवार को जिले के विभिन्न स्थानों पर मोबाइल टीम तैनात होंगी जो बाल विवाह पर निगरानी रखेंगी। बाल कल्याण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि देवउठनी ग्यारस
को शुभ मुहूर्त होने से बड़ी संख्या में विवाह आयोजन होते है। इन विवाह आयोजनों में बाल विवाह होने की भी संभावनाएं है। इसके लिए कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने सभी विकासखंड स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय अधिकारियों सजगता से हर विवाह आयोजन पर को नजर रखने निर्देश दिए हैं। बाल विवाह रोकथाम के लिए बने कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शासन द्वारा जिला स्तर पर कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत को तहसील स्तर पर एसडीएम को, विकासखंड स्तर पर सीईओ जनपद एवं परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी बनाया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व प्रदेश में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी कलेक्टर थे।

यहां दे सकते है सूचना

बाल विवाह की जानकारी होने
पर कोई भी व्यक्ति चाइल्ड
लाइन नंबर 1098, महिला
हेल्पलाइन नंबर 181, पुलिस
डायल 100 या वन स्टॉप सेंटर
07492356963 पर सूचना दे
सकते है। इसके अलावा
संबंधित थाना प्रभारी या संबंधित
परियोजना के महिला बाल
विकास कार्यालय में सूचना दी जा सकती है।

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