ट्रिपल मर्डर के बाद पूरा चकरामपुरा खाली,अब गांव में सिर्फ पुलिस सुरेश धाकड़ रांठखेड़ा भी पहुंचे चकरामपुर की पीड़ित परिवार से बात

ट्रिपल मर्डर के बाद पूरा चकरामपुरा खाली,अब गांव में सिर्फ पुलिस
सुरेश धाकड़ रांठखेड़ा भी पहुंचे चकरामपुर की पीड़ित परिवार से बात
फर्जी वोटिंग को लेकर टोका था भदौरिया परिवार ने
पुरानी रंजिश भी चल रही थी भदौरिया परिवार से



शिवपुरी..पोहरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पोलिंग ऐजेंट राजेंद्र भदौरिया की मां ऊषादेवी, चाचा लक्ष्मण व ममेरे भाई अमरसिंह उर्फ हिमांशु सेंगर की हत्या के बाद चकरामपुर गांव खाली हो चुका है। दरअसल गांव में एक ही भदौरिया परिवार है और शेष कुशवाह परिवार रहते हैं। एक साथ तीन हत्याओं के बाद हत्यारोपी उसी रात फरार हो गए। हत्या की रात में ही हथियारों से लैश पुलिस बल तैनात कर दिया है। कुशवाह परिवार मकानों में ताले डालकर भाग गए हैं। मंदिर में पूजा करने वाले ब्राह्मण व एक-दो अन्य घरों को छोड़कर पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है। त्रिपल हत्याकांड के
चलते चकरापुर गांव में करीब 50 की संख्या में हथियारबंद पुलिस बल तैनात है। इधर हत्या की घटना के बाद रविवार को नरवर थाने के सामने क्षत्रिय समाज रविवार की दोपहर से ही एकजुट हो गया। विरोध को देखते हुए नरवर थाने पर भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया। पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया दोपहर 2 बजे नरवर पहुंचे और थाने के सामने खेल मैदान में मौजद क्षत्रिय समाज के लोगों से बातचीत की।
ज्ञापन लेकर पुलिस की तरफ से हर संभाव कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन समाज के लोग हत्यारोपियों के मकान व 5 दुकानें ढहाने की जिद कर रहे थे। इसके बाद अपर कलेक्टर विवेक रघुवंशी आए और समाज के लोगों से बातचीत के बाद जाम खुलवाया


चार थानों की टीमों ने 14 आरोपी गिरफ्तार कर करैरा थाने लाकर रखा
नरवर, करैरा, अमोला, सीहोर थाने की चार टीमें गठित की गई। सभी टीमों ने 36 घंटे के अन्दर 14 आरोपी रामसिंह पुत्र ज्वाला प्रसाद कुशवाह, देशराज पुत्र धनीराम कुशवाह, खुमान सिंह पुत्र मुंशी कुशवाह, मेहरवान सिंह पुत्र बारेलाल कुशवाह, विष्णु पुत्र प्रागीलाल कुशवाह, गोपाल सिंह पुत्र भजन सिंह कुशवाह, सोनू पुत्र प्रेम सिंह कुशवाह, गोलू उर्फ शिवकुमार पुत्र किलोल सिंह कुशवाह, दामोदर पुत्र श्यामलाल कुशवाह, वीर सिंह पुत्र पुत्रालाल कुशवाह, अखिलेश पुत्र वीर सिंह कुशवाह, परमाल पुत्र भागीरथ कुशवाह, मुकेश पुत्र मुंशीराम कुशवाह, राय सिंह पुत्र भगवान सिंह कुशवाह को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में इस्तेमाल 315 का कट्टा, खाली खोखा, कुल्हाड़ी, सरिया, लुहांगी, लाठी जब्त किए हैं। आरोपियों को करैरा थाने लाकर रखा है।

सड़क जाम खत्म करके रात में ही
देवर-भाभी की अंत्येष्टी कराई रात 9 बजे जाम खत्म होने के बाद देवर-भाभी के शव चकरामपुर गांव लाए। यहां सुरक्षा के बीच दोनों की अंत्येष्टि की गई। अमरसिंह उर्फ हिमांशु का शव पहले ही छतरपुर के केडी गांव भिजवा दिया, जहां रात में ही अंत्येष्टि कराई गई।

भीड़ के रूप में हमला कर ली 3 जानें
गणेश विसर्जन के दिन 26 सितंबर को कुशवाह समाज द्वारा डीजे पर गाना बजाने पर भदौरिया परिवार ने विरोध किया था। तभी से वीरसिंह पक्ष से रंजिश पनप उठी। अब चुनाव के दौरान फर्जी वोट को लेकर उसी रंजिश पर कुशवाह पक्ष के लोगों ने भीड़ के रूप में हमला कर दिया। तीन लोगों की जान चली गई है।

यह था पूरा मामला
बता दें कि ग्राम चकरामपुर में आज से करीब दो माह पूर्व गणेश चतुर्थी पर जुलूस में डीजे पर गाना बजाने को लेकर योगेन्द्र उर्फ भोला भदौरिया और वीर सिंह कुशवाह आदि में विवाद हुआ था तब दोनो तरफ से एफआईआर हुई थी। उसी विवाद की रंजिश पर से दिनांक 17 नवंबर की रात करीब 09 बजे योगेन्द्र उर्फ भोला भदौरिया अपने चाचा लक्ष्मण से मामा के लङके सौरभ और अमर सिंह भाई राजेन्द्र के साथ बोलेरो गाड़ी से रिश्तेदार को देखकर ग्वालियर से घर ग्राम चकरामपुर आ रहे थे।
जैसे ही वीर सिंह कुशवाह के घर के सामने पहुंचे उसी समय अखिलेशकुशवाह, वीर सिंह कुशवाह,
परमाल कुशवाह, विष्णु कुशवाह, गोपाल कुशवाह, रणवीर सिंह कुशवाहं रामसिंह कुशवाह, रायसिंह कुशवाह, महरवान सिंह कुशवाह, गोलू उर्फ शिवकुमार कुशवाह, मुकेश कुशवाह और अन्य 20 से 25 व्यक्ति एक राय होकर आए और बुलेरो
गाड़ी को घेर लिया। वीर सिंह ने गाड़ी पर पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी। तब योगेन्द्र उर्फ
भोला गेट खोलकर भागा था तभी अखिलेश कुशवाह, रणवीर सिंह कुशवाह दोनों ने जान से मारने की नियत से कट्टे से फायर किए थे। जिसमें योगेंद्र बाल बाल बच गया फिर मुकेश ने योगेंद्र की
जान से मारने की नियत से कुल्हाड़ी मारी तथा सभी लोगों ने एक राय होकर जान से मारने की नीयत से योगेंद्र की मारपीट की और सभी लोगों ने लक्ष्मण सिंह, सौरभ, अमर सिंह, राजेन्द्र की जान
लेने की नीयत से लुंहागी, लाठी, सरिया, कुल्हाड़ी से मारपीट की जब फरियादी की मां आशा देवी और पिता मुन्ना सिंह बचाने आए तो सभी ने उनकी जान से मारने की नीयत से लाठी, सरिया, कुल्हाडी, लुंहागी से मारपीट कर दी । आग लगाने से अमर सिंह जल गया सभी के हाथ, पैर, सिर और शरीर में गंभीर चोटें आई थी। इसके हमले के बाद घायलों को को ग्वालियर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां आशा देवी, लक्ष्मण भदौरिया और भतीजे हिमांशु भदौरिया की मौत हो गई ।

मंत्री सुरेश धाकड़ पहुंचे चकरामपुर और पीड़ित परिवार को दी सांत्वना
मंत्री सुरेश धाकड़ कल चकरामपूर पहुंचे और पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और पीड़ित परिवार को पूरी मदद का भरोसा दिलाया

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