पोहरी से राठखेड़ा आउट तो प्रहलाद भी नही बैठते फिट 2018 में प्रह्लाद का तीसरे नम्बर पर रहना और 2014 में नरेंद्र सिंह की पोहरी विधनसभा से 20 हजार से हर बन रही है बाधक टिकिट वितरण में फ्रेशर को मिल सकता है पोहरी से मौका

पोहरी से राठखेड़ा आउट तो प्रहलाद भी नही बैठते फिट

2018 में प्रह्लाद का तीसरे नम्बर पर रहना और 2014 में नरेंद्र सिंह की पोहरी विधनसभा से 20 हजार से हर बन रही है बाधक

टिकिट वितरण में फ्रेशर को मिल सकता है पोहरी से मौका

भूपेंद्र शर्मा
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शिवपुरी- मध्यप्रदेश में चुनावी सर्वे में पिछड़ने के बाद भारतीय जनता पार्टी अपने दिग्गज नेताओं सहित सांसद और केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतार रही है जिससे धीरे धीरे मजबूत हो रही कांग्रेस का मनोबल टूट रहा है। दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद शेष विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारी कर रहे नेताओं के पसीने छूटने लगे हैं। हाल ही में शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा खराब स्वास्थ्य के चलते चुनाव न लड़ने की खबर ने सबको चोंका दिया है। अब खबर आ रही है कि उनके समर्थक पोहरी से पूर्व विधायक प्रहलाद भारती को भी पोहरी से टिकिट मिलना मुश्किल होता जा रहा है। जबकि वर्तमान विधायक और राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ के सर्वे में पिछड़ने के बाद प्रहलाद भारती का टिकिट फायनल माना जा रहा था। परंतु जो नई खबर निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार पूर्व में बड़े अंतर से हारे हुए लोगों को टिकिट नही दिया जाएगा। ऐसे में प्रहलाद भारती 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राठखेड़ा से बुरी तरह हारे थे और तीसरे नम्बर पर थे। जबकि बसपा के कैलाश कुशवाह दूसरे नम्बर पर रहे थे।

पोहरी विधानसभा 2018 सीट प्रत्याशी और परिणाम की सूची

सुरेश धाकड़ राठखेड़ा कांग्रेस 60654. —
कैलाश बसपा 52736. —
प्रहलाद भाजपा 37268. —
राकेश राजक निर्दलीय 2271. —
अजमेर सिंह कोटिया जेएपी 1404. —
राजेंद्र निर्दलीय 1346. —
मनोज निर्दलीय 876. —
हनुमान सिंह आज़ाद भारत पार्टी (डेमोक्रेटिक) 773. —

लगभग 23 हजार मतों से विजयी प्रत्याशी से पीछे रहने के आंकड़े देखने पर पार्टी दोबारा ये गलती दोहराना नही चाहती है।

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय नेता एवं वर्तमान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 2014 के ग्वालियर लोक सभा चुनाव में 20 हजार से अधिक मतों की हार पोहरी विधानसभा क्षेत्र से ही मिली थी। जो दो बड़े बताओ कि आपसी लड़ाई का नतीजा थी। जिसमे तत्कालीन पोहरी विधानसभा की कितनी भूमिका थी ये तो चुनाव हारने वाले नरेंद्र सिंह को ही पता। होगी। लेकिन लगातार भाजपा की हार के लिए पोहरी में जिम्मेदार किसे ठहराया जाए ये सब पार्टी के सामने है।
वहीं इस बार सूत्रों की माने तो पार्टी पोहरी से चोंकाने वाले नाम पर सहमति जता सकती है।यशोधरा के हटने से जिले से एक महिला उम्मीदवार की दाबेदारी भी मजबूत हो गयी है।क्योंकि अभी कुछ दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री ने 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल पास कराया है। जिसके चलते पोहरी से भाजपा नेत्री सलोनी धाकड़ को महिला कोटे से टिकिट की संभावना अधिक बढ़ गयी है जो आने वाले समय मे सबके सामने होगा। फिलहाल भाजपा की तरफ से समाजसेविका डॉ सलोनी धाकड़ एक मजबूत दावेदारी पेश कर रही है। और धाकड़ समाज से होने के चलते उनकी दाबेदारी सफल होती भी दिख रही है।

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